बिहार में इस साल चुनाव होने हैं इसलिए पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमत पर विपक्ष जहां एक ओर सड़क पर आंदोलन कर रहा हैं, वहीं एनडीए सरकार एक से एक तर्क देकर अपना बचाव कर रही हैं. बिहार में इस साल चुनाव होने हैं इसलिए पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमत पर विपक्ष जहां एक ओर सड़क पर
बिहार में इस साल चुनाव होने हैं इसलिए पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमत पर विपक्ष जहां एक ओर सड़क पर आंदोलन कर रहा हैं, वहीं एनडीए सरकार एक से एक तर्क देकर अपना बचाव कर रही हैं.
बिहार में इस साल चुनाव होने हैं इसलिए पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमत पर विपक्ष जहां एक ओर सड़क पर आंदोलन कर रहा हैं, वहीं एनडीए सरकार एक से एक तर्क देकर अपना बचाव कर रही हैं. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जहां विरोध में गुरुवार को राजधानी पटना की सड़कों पर अपने पार्टी के अन्य विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ साइकिल मार्च किया. वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सरकार का बचाव यह कहकर किया कि लॉकडाउन के 82 दिन तो पेट्रोलियम कंपनियों ने दाम तो नहीं बढ़ाए.
सुशील मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल के इस आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा कि जो पार्टी राजनीति को विकास और सेवा के रास्ते से उतारकर इसे अकूत कमाई करने का जरिया बना चुकी है और जिसके युवराज महंगी बाइक और लग्जरी कारों का शौक रखते हों, जो अपने बंगले के बाथरूम में भी एसी लगवाते हों, वे पेट्रोल-डीजल के मूल्य निर्धारण का गणित समझे बिना साइकिल के साथ फोटो खिंचाने के अलावा और क्या कर सकते हैं? जिनकी गाड़ियों में एसी बंद नहीं होते, वे पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर राजनीति कर रहे हैं.
सुशील मोदी के अनुसार लॉकडाउन के 82 दिनों तक पेट्रोलियम कंपनियों ने कोई मूल्य वृद्धि नहीं की. हालांकि उनका मानना हैं कि जनता में इस मुद्दे को लेकर बहुत ज़्यादा आक्रोश नहीं हैं. क्योंकि यूपीए काल से दामों का बढ़ना और घटना अब पेट्रोलियम कंपनियों के हाथ में हैं. लेकिन इस समय भाजपा के नेता जिसमें सुशील मोदी खुद शामिल हैं, सड़कों पर प्रदर्शन करते थे. लेकिन इधर राजद ने इस मुद्दे पर अब जिला मुख्यालय और ब्लॉक स्तर पर भी विरोध का ऐलान किया हैं.
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