सुरक्षाबलों ने आईईडी को कार से अलग न कर पाने की स्थिति में ही इसे कार के साथ विस्फोट कर उड़ा दिया, जिस वजह से कार के परखच्चे उड़ गए. पुलवामा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़े कार बम हमला होने से पहले ही रोक लिया. जिस कार को सुरक्षाबलों ने रोका
सुरक्षाबलों ने आईईडी को कार से अलग न कर पाने की स्थिति में ही इसे कार के साथ विस्फोट कर उड़ा दिया, जिस वजह से कार के परखच्चे उड़ गए.
पुलवामा: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों ने एक बड़े कार बम हमला होने से पहले ही रोक लिया. जिस कार को सुरक्षाबलों ने रोका उसमें 40 से 45 किलो आईईडी रखा हुआ था, जिससे घातक हमला हो सकता था. आज सुबह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा में आयनगुंड गांव में एक सड़क किनारे यह सेंट्रो कार लावारिस अवस्था में मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने संयुक्त रूप से अभियान छेड़कर बम स्क्वॉड की मदद से इस आईईडी को नष्ट कर दिया. सुरक्षाबलों ने आईईडी को कार से अलग न कर पाने की स्थिति में ही इसे कार के साथ विस्फोट कर उड़ा दिया, जिस वजह से कार के परखच्चे उड़ गए.
पुलिस ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार के बारे में जानकारी मिलने पर गुरुवार की सुबह चेक प्वाइंटर पर गाड़ी रोकी, लेकिन ड्राइवर ने कार की रफ्तार बढ़ा दी और कार बैरिकेड्स तोड़ती हुई चली गई. पुलवामा के राजपोरा के आयनगुंड में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने कार बम विस्फोट करने की साजिश को नाकाम कर दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों को 4-5 दिन पहले ही पता चल गया था कि एक कार में आईईडी फिट करके रखा गया है. खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि आतंकी कार बम विस्फोट कर सुरक्षाबलों के काफिलों पर आत्मघाती हमला करने की फिराक में हैं.
आईजी विजय कुमार ने इस बारे में कहा, ‘सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाईं, लेकिन ड्राइवर फरार हो गया. हालांकि वह आईईडी से भरी कार को वहीं छोड़कर भाग गया.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें संभावित हमले के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी. हम कल से ही आईईडी के साथ एक वाहन की तलाश कर रहे थे.’
आईईडी के साथ कार को बाद में बम निरोधक दस्ते द्वारा नष्ट कर दिया गया. भारी विस्फोट की वजह से इलाके में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है. अधिकारी ने बताया कि यह आर्मी, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन था. बता दें कि पिछले साल फरवरी महीने में सीआरपीएफ के 40 जवान आत्मघाती हमले में इसी जिले में शहीद हुए थे. जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कई कैंपों को तबाह कर दिया था.
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